नई दिल्ली: वाइट ब्रेड, वाइट राइस, पेस्ट्रीज और बहुत अधिक मीठे जूस और ड्रिंक्स- खाने-पीने की ये कुछ ऐसी चीजें हैं जिनमें लो-क्वॉलिटी या खराब क्वॉलिटी का कार्बोहाइड्रेट्स (Carbohydrate) पाया जाता है. इसका कारण ये है कि इनमें अधिकतर साबुत अनाज की जगह रिफाइंड अनाज होता है जिसका मतलब है कि इसमें किसी भी तरह के नैचरल विटामिन्स और मिनरल्स नहीं होते हैं. खाने-पीने की ऐसी ही चीजों को लेकर एक नई स्टडी सामने आयी है जिसके नतीजे चौंकाने वाले हैं.
स्टडी में 1.37 लाख लोगों को किया गया शामिल
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित इस नई स्टडी के नतीजे बताते हैं कि अगर आप अपनी रोजाना की डाइट में खराब क्वॉलिटी कार्बोहाइड्रेट्स वाले फूड्स अधिक खाते हैं तो इसका आपकी सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ता है और आपको हार्ट अटैक (Heart Attack) से लेकर स्ट्रोक (Stroke) और मौत तक का खतरा बढ़ जाता है. इस वैश्विक स्टडी में 5 महाद्वीपों के कुल 1 लाख 37 हजार 851 लोगों को शामिल किया गया था. इन सभी की उम्र 35 साल से 70 साल के बीच थी और साढ़े 9 साल तक इन सभी लोगों को फॉलो किया गया.
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साढ़े 9 साल तक प्रतिभागियों को किया गया फॉलो
रिसर्च टीम ने स्टडी में शामिल प्रतिभागी लंबे समय तक किस तरह के डाइट का सेवन करते हैं इसे मापने के लिए और आहार के ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic index) और ग्लाइसेमिक लोड का अनुमान लगाने के लिए भोजन से जुड़ी प्रश्नावली का इस्तेमाल किया. साढ़े 9 साल के फॉलोअप पीरियड के दौरान 8 हजार 780 लोगों की मौत हो गई जबकि 8 हजार 252 लोगों को हृदय से जुड़ी घटनाएं जैसे- हार्ट अटैक और स्ट्रोक का सामना करना पड़ा.
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हार्ट अटैक और मौत का खतरा 50 प्रतिशत अधिक
स्टडी के दौरान पता चला कि जिन लोगों ने ऐसी डाइट का सेवन किया जिसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स 20 प्रतिशत तक अधिक था उन लोगों में हार्ट अटैक, स्ट्रोक और मौत होने का खतरा 50 प्रतिशत अधिक था. बीमारी और मौत का ये खतरा उन लोगों में भी काफी अधिक था जो ओवरवेट था या फिर मोटापे का शिकार थे. ज्यादातर फल, सब्जियां, बीन्स और साबुत अनाज में कार्ब्स की अच्छी क्वॉलिटी होती है और उनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है तो वहीं सफेद ब्रेड, सफेद चावल, आलू- ये कुछ ऐसे फूड्स हैं जिनमें खराब क्वॉलिटी का कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है और इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी अधिक होता है.